दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती स्वाति मालीवाल और झूठे मुकदमों की मार्केटिंग करने का उनका इतिहास
ये जानना बहुत जरुरी है, किस प्रकार #Feminism नारीवादी सोच हमारी सभ्यता और समाज को एक महामारी से भी ज्यादा नुकसान पहुँचा रही है । हमने इससे पहले इस विषय पर प्रकाश डालने की कोशिश करी थी ।
What is #Feminism ? How they spread Pandemic in the society like #CoronaVirus
हिंदुस्तान का संविधान, जो देश के हर नागरिक के मौलिक अधिकारों को प्रदान करने की वचनबद्धता के लिए जाना जाता है । 31 जनवरी 1992 को महिला आयोग का गठन हुआ था । ये कहना गलत नहीं होगा , संविधान को नजरअंदाज करते हुए व पक्षपात करते हुए। केवल महिला आयोग का गठन किया गया पुरुष आयोग का नहीं । एक तरह से ये कहना गलत नहीं होगा महिला आयोग की बुनियाद ही पक्षपात पर खड़ी हुई ।
महिला आयोग का गठन महिलाओं के सशक्तिकरण व उनसे जुड़े मुद्दों को उठाने व उसके समाधान के लिए किया गया था । लगभग देश के 29 राज्य व 7 केंद्र शासित प्रदेश है में महिला आयोग स्थापित है । बजट 2020 , वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा 28,600 करोड़ रूपए, विशिष्ट महिला कार्यक्रम के लिए आवंटन किए गए है । Quint 23 जनवरी 2019 में प्रकाशित खबर के अनुसार यह भी पता चला , सरकार विशिष्ट महिला कार्यक्रम के लिए आवंटित रुपयों का 56% प्रचार में खर्च कर देती है ।
महिला आयोग जिसे महिलाओं के सशक्तिकरण वह मार्गदर्शन के लिए बनाया गया था , आज वहां महिलाओं को झूठे मुकदमों में फंसाए जाने की सलाह दिए जाना आम बात हो गई है ।
24 मार्च 2018 , The Hindu मैं प्रकाशित खबर के अनुसार। एक निर्दोष पुरुष को झूठे बलात्कार के मुकदमे से बरी करते हुए , एडिशनल सेशन जज अरुण ग्रोवर बलिगा ने दिल्ली महिला आयोग पर टिप्पणी करते हुए कहा :- " महिला आयोग के प्रशिक्षित सलाहकारों को बलात्कार पीड़िताओं की सहायता के लिए पुलिस स्टेशन में रखा गया है, ना कि उन्हें झूठे बलात्कार के मुकदमों करने की सलाह देने के लिए।
शुरू से ही ऐसे बहुत से आरोप महिला आयोग पर लगते आए हैं । जहां पारिवारिक कलह को अपराधिक मामलो में परिवर्तित करने की सलाह, महिला आयोग के सलाहकारों द्वार दी जाती रही है। व #FakeRapeCases में भी कोर्ट से फटकार लगना उनके लिया आम बात हो गई है। लगता है जैसे उन्होंने महारत हासिल करली है।
#SwatiMaliwal का इतिहास शुरु से ही झुटे मुकदमो की डिजिटल मार्केटिंग करना , बगैर सक्ष्याओ जांच करे मीडिया में अफ़वाह फैलाने का रहा है । ऐसा कहना गलत नही होगा अपने राजनितिक पद की लोकप्रियता बड़ाने का उन्होंने अनोखा तरीका इजात कर लिया है।
19 अक्टूबर 2022, एका एक स्वाति मालीवाल के सहयोगियों ने गाजियाबाद के एक कथित रूप सामूहिक दुष्कर्म की ख़बर और उनके द्वारा रिकॉर्ड करी वीडियो को सबी मीडिया हैंडल्स के माध्यम से प्रकाशित करना चालू कर दिया।
व इस घटना को निर्भया कांड की तरह दर्शान चालू कर दिया , व इन्होंने महिला के प्राइवेट पार्ट में रोड घुसेडने और 5 लोगो द्वारा सामूहिक बलात्कार की बाते कही और इस पूरे मामले को निर्भवा कांड के सामान दर्शाने की कोशिश करी। देखते ही देखते ये खबर वायरल हो गई और इन्होंने गाजियाबाद पुलिस को नोटिस भी जारी कर दिया जो की इनके कार्य क्षेत्रफल से भी बाहर आता है।
इस मामले का संज्ञान लेते हुए , गाजियाबाद पुलिस ने एक SIT team का गठन किया और युद्ध स्तर पर जांच करी । ये मामला #FakeRapeCase निकला, जिसकी पुष्टि खुद गाजियाबाद पुलिस ने अपने ट्वीटर अकाउंट से करी । उनके अनुसार एक पुराने प्रॉपर्टी विवाद को अपने पक्ष में कराने के लिए महिला द्वारा ये साजिश रची गई थी और स्वाती मालीवाल की बतलाई कहानी झुटी निकली प्राइवेट पार्ट्स में रोड डालने व सामूहिक बलात्कार जैसी बात दूर दूर तक नही थी किसी भी प्रकार के कोई सबूत नहीं मिले । इतने विश्वास के साथ वोह मीडिया में सफेद झूठ बोल रही थी । सत्य सामने आने के बाद भी आज तक उन्होंने कोई माफी नहीं मांगी ना ही कोई ट्वीट डिलीट किए। इससे पता चलता है वह झूठ बोलने की आदि हो चुकी है । ये कहना गलत नही होगा , की वह #FakeCases की मार्केटिंग क्वीन बन चुकी है ।
सवाल ये उठता है, क्या गाजियाबाद पुलिस इस महिला के ऊपर झूटा मुकदमा करने , सरकारी तंत्र का समय बर्बाद करने के जुर्म में कानूनी कार्रवाई करेंगी या पहले के समान ऐसी महिलाओ को फिर आजाद छोड़ दिया जाएगा और वह कभी ना रुकने वाले #LegalTerrorism की अगुआई करती रहेंगी।
इसी के साथ, हमेशा के समान कई प्रश्नों को जन्म मिला जिसका जवाब हर सरकारी तंत्र देने से बचता आया है।
क्या स्वाति मालिवाल पर केजरीवाल अपने पद का गलत इस्तेमाल और अफवाह फैलाने के जुर्म में उन्हे पद से निष्कासित करेंगे ?
क्या स्वाति मालिवाल, भविष्य में इस तरह किसी पुरुष की जिन्दगी से खेलना बंद करेंगी ?
आखिर कब इन #FakeCases #FakeRapeCases से निजाद मिलेगी ?
आखिर कब ऐसी महिलाओ को सजा मिलेगी ?
हम कब अपने देश को बराबरी से न्याय करने वाला देश कहेंगे ?
#StopAbuseMen a movement intends to work for Men's welfare and strongly believe in replacing the word Men/Women by Person and Husband/Wife by Spouse in any Government law or policy. #MenToo are Human, they also have Constitutional Right to Live & Liberty with Dignity (#Article21 ) . #Unfairlaw or Policy can not bring Fairness in any Society, it only kills fairness in Justice System and harmony in Society. #SpeakUpMan. Help Line for abused/distressed Men ( SIF - One): +91-8882498498.
dcw hi hi
ReplyDeleteगंदा है पर धंधा है
ReplyDeleteFaminism is the only bread of Pumps Like Swami Malamal
ReplyDeleteGood post
ReplyDeleteJyadatar mahila fake case karke hai apna dhandha banati hai isliye iske gaur Kareni chahye sarkar ko ajkal fashion banaa liya hai fake case karne ka aur Paisa thakne ka
ReplyDeleteExtortion business and gender biased laws should be killed
ReplyDeleteGovernment supports this business to get profit and woman votes. As we knows that Gender is biased and it's law's that's why we Man are suffering.
ReplyDeleteKamae kerne ka sadhan bna rakha hai...jab khud ke ghar per kuch ho to dard mhesus kre ye sab
ReplyDelete#stop this feminism, #Gender Equality . #Save also men .#Equal respect for men also.
ReplyDeleteWhy she is silent now. After publishing fake nibhaya kand ... Kahin inko bhi to cut nahi mil raha
ReplyDeleteLet's make her rereaĺaes he
ReplyDeleteJhute case Krna to mahilao ki adat ho gyi hai
ReplyDeleteSwati ji - Stop this fake promotion of feminism & do some work for genuine one, now a days DV & 498A charges are common on Mother in law & Sister in law of marriage women by her. Do something for this.
ReplyDeleteइसका मतलब यह निकलता है , कि निर्भया कांड भी झूठा था, जिस तरह हमने उन निर्दोष लोगों को फांसी चढ़ाने के लिए मोमबत्ती लेकर सड़कों पर घूमऐ थे , उन्हीं निर्दोष लोगों की आत्मा आज हम लोगों पर बद्दुआ बनकर बरस रही है।
ReplyDeleteAurat kuch bhi kahe to such .....N ADAMI KI KOI SUNTA NAHI .....CHAHE WO SUCH SABIT BHI KAR DE BUT USSE HAMESHA GALT HI SAMJA JATA HAI....
ReplyDeleteFalse rape and dowry cases are now trending and making life hell of so many innocent families. Strong law against any type of false case is much needed now. It will not just stop the harassment of innocent people but will save many families to break.
ReplyDeleteWomen are so empowered now that they can trap anyone in false cases without any fear.
ReplyDeleteMost of the divorces happening only due to false dowry/rape cases against husband and family.
ReplyDeleteThere should be law against false law case filer
ReplyDeleteस्वाति मालीवाल अपना घर तो बचा नही पाई, दुसरो का क्या बचाऐगी, एक 61 साल की महिला ने जुलाई 19 मैं अपनी बहू की पड़ताड़ना की शिकायत की थी आज तक कोई कार्यवाही नही हुई, यह महिला आयोग नही बहु आयोग है, ओर बहुओ को भड़काने का काम करता है।
ReplyDeleteएक शब्द जो स्त्री और पुरुष को अलग करता है। पुरुषों और महिलाओं के बीच भेदभाव करता है।
ReplyDeleteउसका नाम Feminist है.
नारी के बिना पुरुष अधूरा है और पुरुष के बिना नारी अधूरी है। दोनों की मदद सहयोग से दुनिया और परिवार चल रहा है और चलता रहेगा।
मेरी प्यारी दादी, नानी, मेरी माँ,बहने, भाभी, मासी,चाची ताई, मामी,बुआ,यह सभी रिश्ते नारी से ही है. जब तक यह प्यारे रिश्ते रहेंगे नारी का सम्मान कभी ख़त्म नहीं हो सकता.
अब नारी को ही समझदार होना होगा कोई तीसरा Feminist जैसी बातें कर के लाभ कमाता है.और तमाशा देखता है.
इन्हीं बातों से हमारे समाज का और हमारे परिवारों का नुकसान हो रहा है. .. कोई भी समझदार नारी अपने परिवार और समाज का नुकसान नहीं चाहेगी.
Swati Maliwal is leading the Indian society to path of destruction.
ReplyDeleteArrest Swati Maliwal.
ReplyDeleteWomen who make false cases must be punished.
ReplyDelete#stop this feminism, #Gender Equality .#Equal respect for men also.
ReplyDeleteSwati maaliwaal khud ka ghar inhi karno se nahi bacha saki qki jhuth ko failana hi ata hai
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