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#SupremeCourtofIndia ने संविधान से लेकर संसद तक को हाईजैक कर लिया है

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सुप्रीम कोर्ट देश का एक सर्वोच्च न्यायालय है । जिसका दायित्व देश के हर एक नागरिक को न्याय दिलाना है। उनका दायित्व यह भी है कि किसी के साथ भेदभाव अन्याय ना हो।  मगर आपको जानकर आश्चर्य होगा सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया आज खुद कटघरे में खड़ा है। वह खुद आज संविधान, संसद सब को हाईजैक करने पर उतारू है। भारतीय संविधान के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के पास कोई भी कानून बनाने का अधिकार नहीं है, संविधान के अनुसार यह अधिकार केवल संसद को दिया गया है । सुप्रीम कोर्ट केवल किसी कानून को रद्द करने का अधिकार रखता है या फिर संसद को किसी कानून को बनाने की सिफारिश कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया शुरू से विवादों में रहा है। यहां तक की कानून मंत्री श्री किरण रज्जू द्वारा भी सुप्रीम कोर्ट पर उनकी कॉलेजियम को लेकर सवाल उठाए गए  हैं। उन्होंने एक वीडियो भी अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से साझा करी थी । जिसमे सेवानिवृत दिल्ली हाई कोर्ट न्यायाधीश श्री आर एस सोंधी ने बड़े ही सरल शब्द में बताया कि सुप्रीम कोर्ट कभी भी सांसद से बड़ी नही हो सकती , ना ही उनके पास कोई कानून बनाने के अधिकार है । उन...

#Feminist Biggest Business Plan #MaritalRape

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हम सबने आम तौर पर सुना है , महिला संगठन एनजीओ,  महिला आयोग, गाली गलौच महिला गैंग, धरने पर बैठने वाली महिलाए । ये ऐसे संघठन है, जो Feminist या इनके वकीलों द्वारा संचालित किया जाता है । इन संगठनों एनजीओ की संख्या हजारों में है । आपकों जानकर आश्चर्य होगा , 2022 से 2023 लगभग 3184 करोड़ का बजट  महिलाओ के उत्थान के भारत सरकार ने आवंटित किया था । ये पिछले साल से 63 फिसिदी ज्यादा था । इन महिला संगठनों की दुकान इन हजारों करोड़ो के बजट के साथ साथ अनुदान , डराने धमकाने से भी चलती है।  इनका इतिहास महिलाओ को उनके पति के खिलाफ़ भड़काकर झूठे मुकदमे दर्ज कराने का रहा है । इनके द्वारा महिलाओ को भड़काकर,  दहेज उत्पीड़न के मुकदमें ( 498A ) दर्द करा दिए जाते है । यह इतना आम और आसान हो गया है कि कोई भी विवाद हो दहेज़ उठपीड़न के मुकदमें दर्ज करा दिए जाते है। आज भी पति पक्ष के परिवार के लोगो के साथ , आस पड़ोस , दूर के रिश्तेदारों तक को दहेज़ उत्पीड़न के मुकदमों में फसा दिया जाना आम बात है। इनके लिए FIR कराना, एक पीज़ा ऑर्डर करने जैसा आसान हो गया है।  सन 2012 मे...