क्रिमिनल मुकदमों के चलते, डिवोर्स जैसे सिविल मुकदमा को कैसे रोका जाए ?
क्रिमिनल मुकदमों के लंबित होते हुए , डिवोर्स जैसे सिविल मुकदमा को कैसे रोका जाए ? हिंदुस्तान में कानूनी आतंकवाद ( #LegalTerrorism ) चरम पर है। महिलाओं के पास 49 से भी ज्यादा कानून है , जिनका वह बेहिचक दुरुपयोग करती आ रही है। देश में 2022 में लगभग चार करोड़ 30 लाख से ज्यादा लंबित मुकदमे हैं। महिलाएं फायदे के लिए या कानूनी फिरौती ( #LegalExtorsion ) के लिए अपने पति से एक मोटी रकम वसूलने के लिए 498A, घरेलू हिंसा ,जमाखर्चे इत्यादि के मुकदमे कर देती हैं, जिसके कारण उनके परिवार मैं वापस जुड़ने की सारी संभावनाएं खत्म हो जाती हैं। यह देखने में आया है विवाहिता व उनके वकील दूसरे पक्ष का डिफेंस जानने के लिए या उन्हें परेशान करने के लिए डिवोर्स के मुकदमे भी डाल देती हैं। ऐसे में पुरुषों के पास एक ही रास्ता रहता है, कि वह इस डिवोर्स मैं एक आवेदन दे, " धरा 498A भा. द. वि. के प्रकरण में प्रार्थिया ( Defendant ) के साक्ष पूरे होने तक समबन्ध विच्छेद (तलाक़) के वर्तमान प्रकरण में प्रतिपार्थी को जवाब देने के समय देने का निवेदन " "APPLICATION TO GIVE TIME TO ...