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एक तरफ 2019 में 97613 आत्महत्या करते बेटे और दूसरी तरफ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ आंदोलन

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एक तरफ , 2019 में 97613 आत्महत्या करते बेटे और दूसरी तरफ  " बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ आंदोलन " देश में सबसे ज्यादा आयकर भरने वाले पुरुष हैं । देश की जीडीपी में सबसे बड़ा योगदान करने वाले  पुरुषों है । गटर सफाई से लेकर  देश की रक्षा में तैनात जल , थल , वायु सेना , सब में सबसे बड़ा योगदान पुरुषों का  है । बजट 2020 , वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा 28,600 करोड़ रूपए विशिष्ट महिला कार्यक्रम के लिए आवंटन किए थे।  वही दूसरी तरफ पुरुषो व् उनके कल्याण के लिए एक फूटी कौड़ी तक आवंटित नहीं  करी गई।  यह कहना गलत नहीं होगा  , पुरुषों द्वारा खून पसीने से कमाएं  पैसों से चलने वाली सरकार के पास एक रुपया भी पुरुषों के कल्याण के लिए नहीं है ।  आपको ये जानकर भी आश्चर्य होगा , इस देश में जानवरो , पेड़-पौधो , महिलाओ , बच्चों  तक के पास आयोग है  , मगर इस देश की तरक्की व मुसीबत में अपनी  जान तक गवाने  वाले पुरुषों के पास एक आयोग तक नहीं है । जब लड़का लड़की एक सामान का नारा हर जगह बार बार गाया जाता है, तो फिर आखिर ...

क्या महिला आयोग झूठे बयान और आंकड़ों पर खड़ा हुआ है ?

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Is that Women's commission stood up on false statement and data ? ये जानना बहुत जरुरी है किस प्रकार #Feminism नारीवादी सोच हमारी सभ्यता और समाज को एक महामारी से भी ज्यादा नुकसान पहुँचा रही है  ।  हमने इससे पहले इस विषय पर प्रकाश डालने की कोशिश करी थी  ।  What is #Feminism  ? How they spread Pandemic in the society like #CoronaVirus हिंदुस्तान का संविधान,  जो देश के हर नागरिक के मौलिक अधिकारों को प्रदान करने की वचनबद्धता के लिए जाना जाता है । 31 जनवरी 1992 को महिला आयोग का गठन हुआ था । ये कहना गलत नहीं होगा , संविधान को नजरअंदाज करते हुए व पक्षपात करते हुए। केवल महिला आयोग का गठन किया गया पुरुष आयोग का नहीं । एक तरह से ये कहना गलत नहीं होगा महिला आयोग की बुनियाद ही पक्षपात पर खड़ी हुई । महिला आयोग का गठन महिलाओं के सशक्तिकरण व उनसे जुड़े मुद्दों को उठाने व उसके समाधान के लिए किया गया था । लगभग देश के 29 राज्य व 7 केंद्र शासित प्रदेश है में महिला आयोग स्थापित है ।  बजट 2020 , वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा 28,60...

Indian Adultrous Wife, Stained with the Blood of Husband

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Indian Adultrous Wife , Stained with Husband's Blood  हिंदुस्तानी व्यभिचारी  महिलाएं / पत्नी  ,  जिनका दामन पति  के खून से सना हुआ है                  हमारा देश " हिन्दुस्तान" जो एक महिला प्रधान देश है । जहां महिलाओं को  भगवान् के समान पूजा जाता है । कई सदियों से इनकी रक्षा , उन्नति व  सशक्तिकरण के लिए सरकार कई हजार करोड, हर साल खर्च करती आई है । लगभग 49 से ज्यादा कानून केवल महिलाओं के हित में बनाए गए है ।                      पति पत्नी में प्रतिबद्धता, एक विवहिक जिन्दगी की अहम कड़ी है । जिसके टूटते ही सब कुछ तहस नहस हो जाता है । शादीशुदा होते हुए किसी दूसरे पुरुष या महिला से संबंध बनाना या रखना, मजहबी गलत  होने के साथ-साथ नैतिकता का भी खून है ।  जिस देश में मॉ सीता की पवित्रता को पूजा जाता है , वहाँ आज सबसे बड़ी चर्चा का विषय बना हुआ है   व्याभिचारी  महिलाएँ ( Adultrous Women...

Men the Victim of #DomesticViolenceOnMen

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Men the Victim of  #DomesticViolenceOnMen  पुरुषो के साथ होने वाली घरेलु हिंसा  #DomesticViolenceOnMen  यह ऐसी क्रूरता है जिसे हमारा समाज , हमारा कानून बहुत लंबे समय से नजरअंदाज करता आया है।  अगर कोई पुरुष अपनी पत्नी द्वारा प्रताड़ित किए जाने पर लोगों को बताता है , तो वह हंसी का पात्र बन जाता है । हर जगह सोशल मीडिया पर पुरुषों पर हो रहे अत्याचारों को , मजाक के रूप में दर्शाया जाता है। ऐसे बहुत से कार्टून बनाए जाते हैं , जिसमें पत्नी अपने पति को झाड़ू , बेलन से मारती नजर आती है ।  ऐसा कहना या मानना कि पुरुषों के साथ घरेलू हिंसा हो ही नहीं सकती , ऐसा कहना सरासर गलत है । दिल्ली की एक एनजीओ Save Indian Family  जो पुरुषों के हित के लिए 2006  से काम करती आ रही है और जिनका एक 24x7 पुरुष राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 8882498498 भी है । NGO के अनुसार हर महीने लगभग 4000 से 5000 पीड़ित पुरुष  सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर पर  फ़ोन करते हैं । इससे साफ पता चलता है , कितने पीड़ित पुरुष भारत में परेशान है । ऐसे...

340 CrPc Application Format

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340 CrPc Application Format  महिलाओं के पक्ष में बनाए हुए कानूनों का दुरुपयोग कई दशकों से देखने में आ रहा  हैं  । ये देखने में भी आया है  कि, सरकार व सरकारी तंत्र इनके खिलाफ कोई भी सख्ती से कार्रवाई नहीं करते है । जिसके नतीजन #FakeCases निरंतर बढ़ते जा रहे हैं । महिलाएं व उनका परिवार झूठे मुकदमों की धमकियां देते हैं । जिसके डर से पुरुष आत्महत्या करने के लिए विवश हो जाते हैं । महिलाओं द्वारा पुरुषो पर की जा रही #DomesticViolenceOnMen को महिलावादी न्यायप्रणाली व कानून बनाने वाले मंत्री कई दशकों से नजरअंदाज करते आ रहे हैं । आत्महत्या करने वाले पुरुषों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है । यह बहुत जरूरी है सरकारें यह समझे कि       ' मर्द को भी दर्द होता है ' इस ब्लॉग के द्वारा हम पुरुषों को यह बतलाना चाहते हैं , कि वह घबराए ना और इन झूठे मुकदमों से लड़े उसके आगे घुटने ना टेके , ना ही आत्महत्या करे । जैसा कि हमारे पिछले #CrPC340 ब्लॉग मैं यह बताने की कोशिश करी गई थी। किस प्रकार कब , कैसे , कहां CrPC 340 का प्रयोग क...