Is Women Centric laws , threat to Bachelors ?


हर पुरुष की महत्वकांक्षा होती है कि वह एक शान्ति भरा जीवन व्यतीत करें , विवाहिक  जीवन में कोई मतभेद लड़ाई-झगडे ना हो । ज्यादा तर देखा गया है , पुरुष सोचता है  एक अच्छा जीवन साथी मिल जाए , जिसके साथ वह अपना सम्पूर्ण जीवन शान्ति के साथ व्यतीत करले   ।
            मगर ये सब एक कल्पना  मात्र  है , जो  पुरुष  एक काल्पनीक  दुनिया में  सोचत  है । ज्यादातर शादी शुदा व्यक्ति अपनी विवाहिक जीवन से खुश नहीं है । हरेक के जीवन में किसी ना किसी वजह से  मतभेद है । कोई पुरुष अपने  जीवसाथी के अधिक खर्च से परेशान है  या कोई महिला अपने पति की कम आय से परेशान है । हरेक के जीवन में संतुष्टि का अभाव है । दिन प्रतिदिन #DomesticViolenceOnMen बढ़ता जा रहा है , जिसके लिए कोई कानून में प्रावधान नहीं है । पुरुषों पर होरहे अत्याचारों की कही शिकायत नहीं लिखी जाती ना कोई कार्यवाही होती है । जिसके कारण बहुत से शादीशुदा पुरुषो असहाय और निराशा के कारण आत्महत्या तक  कर रहे है ।

जिस प्रकार से देश में महिलावादी सोच एक महामारी का रूप लेती जा रही है । महिलावादी सोच हमारे समाज में पुरुषों को भक्षक या राक्षस बतला कर अपना परचम लहराने चाहती है । जिसके कारण अनेक ऐसे टीवी सीरियल , मूवी बनाई जा रही है जिसमें केवल पुरुषों को ही दोषी या भक्षक ठराया जाता है ।

पश्चिमी देशो की तर्ज़ पर नारीवादी  सोच ने महिलाओ में ऐसा विरोधभास पैदा किया है । जिससे हिंदुस्तानी  महिलाए ,  हर वो काम करना चाहती है , जिसे हमारे  देश की संस्कृति  इजाजत नहीं देती है । यह कहना गलत नहीं होगा  " My Body My choice " के नारे के तहत वह  हिंदुस्तानी महिलाओ की मानसिकता को दूषित करने में नारीवादी लोग कामयाब हुए है ।

सन 2018 में माननीय उच्चन्यालय ने व्याभिचार  Adultry के  कानून  को निरस्त कर दिया , तब से देश में व्याभिचार  अपराध नहीं रहा  । नतीज़न अब कोई भी शादी शुदा महिला किसी भी पुरुष के साथ सम्बन्ध बना सकती है , अब उसपर कोई क़ानूनी  कार्यवाही नहीं होगी । असलियत में पहले भी कभी महिलाओ पर कभी  कोई सजा नहीं होती थी । इसके  फल स्वरूप देश में महिलाए धडले से अपने पतियों को धोखा देती पाए जाने लगी ।
एक तरफ  " My Body My choice "  जैसे नारे और दूसरी तरफ क़ानूनी छुट । 

Extra - Marrital dateing App Gleedan के एक शोध के अनुसार  10  में से 7 हिंदुस्तानी महिलाएं अपने पति को धोका देती है   जिससे ये अनुमान लगाया जा सकता है , केवल ३०% सम्भावना है कि पुरुषो को एक सच्चा वफादार साथी मिलेगा 
आय दिन बड़ी संख्या के साथ अखबारों की सुर्खियों में महिलाओ की व्याभिचार की खबरे छपने लगी है । कई महिलाए एक नहीं कई-कई पुरुषो के साथ सम्बन्धों में पाई जाने लगी है । अगर पति उनका विरोध करते है तो महिलाए अपने प्रेमी पुरुष के साथ मिलकर उनकी हत्या तक करवाने लगी है । ऐसी महिलाओ के कारण बच्चे भी अत्याचार भुगत रहे है ।

ऐसे बहुत से पुरुष है जो डर और मज़बूरी के कारण ऐसी शादी में ना चाह कर भी ऐसी पत्नि के साथ रह रहे है  । ऐसे देखने में आ रहा है , पुरुषो ने इस घुटन को अपने जीवन का भाग बना लिया है  । कुछ आकड़ो के अनुसार डाइवोर्स , सेपरेशन की संख्या हर साल तेज़ी से बढ़ती जा रही है  । ऐसा देखने में आया है महिलाएं अपनी कमी छुपाने के लिए हमेषा पुरुषो पर आरोप लगाती है  । ये भी चलन सा बन गया है चाहे गलती महिला की क्यों ना हो लड़को को almony के तौर पर कुछ देना ही  पड़ता है।

दिल्ली में स्थित , पुरुषो के लिए काम करने वाली संस्था Men Welfare Trust  व  Save Indian Family  जो पुरुषो के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 8882-498-498 भी चलाती  है  , उनके  अनुसार  उनको सहायता के लिए कॉल करने वाले ऐसे पीड़ित पुरुषो की संख्या निरन्तर बढ़ती जारही है , जो अपनी पत्नी के दूसरे मर्दो के सम्बन्धो से परेशान है  ।

#GenderBiasedLaws और महिलाओ द्वारा किये जा रहे #FakeCases की बढ़ती संख्याओं के कारण ,  पुरुष ख़ासा अपने आप को असहाय महसूस करने लगे है ।

#WorkPlace पर भी महिलाएं पुरुषो का शोषण करने लगी है और उनकी बात ना मानने  पर वो FakeCases फाइल करने की धमकी देती है या फाइल  कर देती है । 

इस महिलावादी प्रविति ने आज हमारे समाज में महिला और पुरुष की सोच बिल्कुल एक दूसरे के विपरित कर दी है । कुछ ऐसा भी कहां जाता है पुरुष आज भी 16 वी सदी में जी रहा है और महिलाए 21वी ।

हर इंसान में  एक दूसरे से इतनी महत्वकांक्षा बड़ गई है,  जिस के कारण निराशा होना भी स्वाभाविक है ।


एक लाइव हिंदुस्तान कॉम पर छपी ख़बर के अनुसार :-

आज कल की ( Misandry ) पुरुष विरोधी सोच , पुरुष को अकेले रहने के लिए प्रेरित कर रही है । महिलाए पुरुष को पैसे कमाने वाली मशीन समझ कर उसका उत्पीडन कर रही है । महिलाओ के लिए बनाए गए एक तरफा कानून ,पुरुषों के लिए बहुत घातक साबित हो रहे है । नौबत यहां तक आ गई है । हर साल महिलाओ से कई गुना ज्यादा , पुरुष आत्महत्या कर रहे है । इन कानूनों की दहशत सब पुरुषो को है , ये सबसे बाड़ा कारण जिसे देखते हुए पुरुष शादी नहीं कर रहे ।

पुरुष अपने भाव इतनी अच्छी तरह से व्यक्त नहीं कर पाता , जिस प्रकार महिला कर पाती है । ऐसे दबाव भरी जिन्दगी से वह घुट घुट कर या तो अपने जीवन का अन्त कर लेता है या अनेक बिमारी से ग्रसित हो जाता है ।

ऐसा लगता है जीवन , शादी करके अपना वंश बड़ाना मात्र नहीं है । पुरुष को ये समझना बहुत जरूरी है , उसकी खुशी अपने आप के लिए बहुत महत्वपूर्ण है । वह अकेला ही इस संसार में आया था और अकेला ही जाएगा ।

जो परिवार या पुरुष महिलाओ द्वारा किए जा रहे  #FakeCases  की प्रातांडना को झेल या देख लेते है  , वोह दुबारा शादी करने से डरने लगते है । उनका मानना है , कोर्ट कचेहरी से बढ़िया अपना जीवन शांति से एकांत में बिताया जाय ।

सब Bachelor / अविवाहितों के लिए एक दिशा निर्देश है कृपया उनको अवश्य पढ़े ।





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