Men the Victim of #DomesticViolenceOnMen

Men the Victim of  #DomesticViolenceOnMen 

पुरुषो के साथ होने वाली घरेलु हिंसा 

#DomesticViolenceOnMen  यह ऐसी क्रूरता है जिसे हमारा समाज , हमारा कानून बहुत लंबे समय से नजरअंदाज करता आया है।  अगर कोई पुरुष अपनी पत्नी द्वारा प्रताड़ित किए जाने पर लोगों को बताता है , तो वह हंसी का पात्र बन जाता है । हर जगह सोशल मीडिया पर पुरुषों पर हो रहे अत्याचारों को , मजाक के रूप में दर्शाया जाता है। ऐसे बहुत से कार्टून बनाए जाते हैं , जिसमें पत्नी अपने पति को झाड़ू , बेलन से मारती नजर आती है । 


ऐसा कहना या मानना कि पुरुषों के साथ घरेलू हिंसा हो ही नहीं सकती , ऐसा कहना सरासर गलत है । दिल्ली की एक एनजीओ Save Indian Family जो पुरुषों के हित के लिए 2006  से काम करती आ रही है और जिनका एक 24x7 पुरुष राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 8882498498 भी है । NGO के अनुसार हर महीने लगभग 4000 से 5000 पीड़ित पुरुष  सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर पर  फ़ोन करते हैं । इससे साफ पता चलता है , कितने पीड़ित पुरुष भारत में परेशान है ।

ऐसे लाखो उत्पीड़न के मामले होंगे जो कभी , दुनिया के सामने नहीं आते । लगभग हर 8 मिनट में एक विवाहित  पुरुष आत्महत्या कर लेता है ।

आत्महत्या करने का सबसे बड़ा कारण , पुरुषों में बढ़ती घुटन है । ना कोई ऐसा आयोग है , ना कोई ऐसा मंत्रालय है, जो महिलाओं द्वारा पुरुषों पर निरन्तर किए जा रहे अत्याचारों, घरेलू हिंसा पर सुनवाई कर सके । ऐसा बहुत बार देखा गया है जब पीड़ित पुरुष पुलिस से उनकी मदद के लिए गुहार लगाता है, पुलिस कोई सहायता नहीं करती ।  पुरुष  चाहे माननीय प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति , मुख्यमंत्री या किसी भी नेता को अपने उत्पीड़न के खिलाफ पत्र क्यो ना लिखे, मगर कोई सुनवाई नहीं होती ।सरकारी तंत्र केवल खानापूर्ति के लिए काग़ज़ी काम करके शिकायत बन्द कर देते है । कानून के अंदर ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसके अंतर्गत एक पति अपनी पत्नी के खिलाफ घरेलू हिंसा का मुकदमा दर्ज करवा सके  ।

 Save Indian Family  के सलाहकार जो हेल्पलाइन नंबर 8882-498-498 पर दिन रात पीड़ित पुरुषों की सहायता करते हैं। उनके द्वारा ऐसे बहुत से मामले बताए गए, जो   #DomesticViolenceOnMen  की पुष्ठि करता है  । ऐसे  बहुत से देश हैं जहां घरेलू हिंसा से सम्बंधित कानून पुरुष एवं  महिला दोनों के लिए समान है  । मगर केवल भारत  देश में कुछ #Feminist लोगों  ने यह कानून #GenderNeutral नहीं बनने  दिये  ।

हेल्पलाइन नंबर 8882-498-498  पर ज्यादातर पीड़ित पुरुषों द्वारा की जाने वाली कॉल्स के अनुसार , उनके उपर  उनकी पत्नी द्वारा की जारही  घरेलू हिंसा  इस प्रकार है :-


Sexual Abuse ( यौन शोषण  )

  • विदेशी चलचित्र , पॉर्न चलचित्र देखकर महिलाएं , अपने पति पर  आक्रामक सेक्स, एक से ज्यादा लोगो के साथ सेक्स करना , अप्राकृतिक सेक्स करने के लिए दबाव  बनाती है । जिससे पुरुषों कि भावनाओं को ठेस पहुंचती है । ऐसे कई मामले सामने आये, जहाँ पुरुषो को इसके चलते उनके यौन अंगो को नुकसान तक पहुँचा है या उन्हें कई यौन बिमारियों का सामना तक करना पड़ा  । 
  • ऐसे बहुत से मामले सामने आ रहे हैं जहां महिलाएं पॉर्न चलचित्र देखकर अपनी यौन इच्छा पूर्ण करने के लिए । अपने पति की क्षमता से ज्यादा देर तक सेक्स करने के लिए दबाव  बनाती है।  उनको कई दवाई खाने तक के लिए दबाव  बनाती  है । जिसके चलते उन्हे कई शारीरिक बीमारियों का सामना करना पड़ता है ।
  • महिलाएं दूसरे पुरुषों / बॉयफ्रेंड  के अंगो की तुलना , अपने पति से करती है । उनके शरीर, ताकत और अंगों को लेकर भद्दे कमेंट करती है उनको शर्मसार करती है , जिससे उनका मनोबल बहुत प्रभावित होता है ।
  • जब पति पूरे दिन काम करके थका हारा घर आता है । तो उनकी पत्नी,  जबरदस्ती उनकी मर्जी के खिलाफ सेक्स करने के लिए दबाव  बनाती और करती  है । पति की मर्ज़ी के खिलाफ उनके अंगो को छूती है ।
  • ऐसे बहुत से मामले है, जहां घरेलू हिंसा के चलते पुरुषों में अनेकों बीमारिया  घर कर रही है । जिसका सबसे ज्यादा प्रभाव  पुरुषों की यौन शक्ति पर पड़ता है । जिसके चलते उनकी पत्नी उन्हें भद्दे ताने मारती  है , उनका मनोबल गिराती है । ऐसे बहुत से पुरुष है जो इस मानसिक शारिरीक तनाव का सामना कर रहे हैं ।
  • ऐसे बहुत से मामलों में महिलाएं अपने पति से बगैर उनकी रजामंदी के , बगैर सुरक्षा ( कॉन्डम , दवाई ) के उन्हें सेक्स करने के लिए दबाव  बनाती है ।

Physical  Abuse ( शारीरिक  शोषण  )

  • आज कल ऐसी बहू संख्यक कॉल्स आ रही है, जहां Adultery ( व्यभिचार ) के चलते महिलाएं अपने पति को, अपने प्रेमी से गाली-गलौज, धमकियां,  मारपीट,  करवाती है । जिसके चलते कई पुरुष इस दहशत भरे रिश्ते में जीने को मजबूर है । जिसके चलते कई पुरुष या तो आत्महत्या कर रहे है या उनकी साजिशन हत्या तक कर दी जा रही है ।
  • ऐसे बहुत से मामले सामने आ रहे हैं, जहां पत्नी अपने पति के  ऊपर शारीरिक शोषण करती है । उन्हें झाड़ू, बेलन, वाइपर इत्यादि या जो हाथ में आय उससे मारपीट करती है । 
  • बाल खींचना, काटना, धक्का  देना, गर्म तेल डालना, आग लगाना, नोच देना, बर्तन फैकना  इत्यादि ऐसे रोजमर्रा के वाक्यात हैं जो पुरुष आए दिन झेल रहे हैं ।
  • ऐसे बहुत से मामले हैं जहां महिलाएं पुरुषों पर नियंत्रण करने के लिए उन्हें घर में लॉक कर देती है, उनसे उनका मोबाइल फोन छीन लेती है । उन्हें मेडिकल जांच , रोजमर्रा की चीजों से वंचित रखा जाता है । जोर, जबरदस्ती, धमकाकर, उनकी प्रॉपर्टी को बिकवा दिया जाता है ।
  • ऐसे बहुत से मामले सामने आ रहे हैं जहां महिलाएं पुरुषों को जबरदस्ती घर का काम करने के लिए उनके साथ मार पीट करती है ।

Financial Abuse (  वित्तीय  शोषण  )

  • ऐसे बहुत से मामले हैं जहां महिलाएं कमाने में सक्षम होते हुए भी काम नहीं करती या जानभूझकर अपना काम छोड़ देती है या कमाते हुए भी घर के खर्चों से निपटने में पति का साथ नहीं देती । सारे घर का आर्थिक बोझ पति पर डाल देती है । जिसके चलते पति सारी जिंदगी आर्थिक संकटों से झूझता रहता है और  अपने लिए कुछ नहीं जोड़ पाता  ।
  • कई बार जब परिवार आर्थिक संकट से झूझ रहा होता है, महिलाएं अपने उपलब्ध  साधनों को परिवार की मुसीबत के वक़्त साझा नहीं करती । 
  • महिलाएं अपने पति के कार्यस्थल पर जाकर शोर-शराबा, धमकियां, लड़ाई-झगड़ा इत्यादि करती है । जिसके चलते पुरुषों को शर्मसार अपमानित  होना पड़ता है , यहां तक कई बार उन्हें अपने ग्राहक , नौकरी तक गवानी  पड़ती है। लोग पीड़ित पुरुषो से  दुरी बनाने लगते है ।
  • आमतौर पर ऐसे बहुत से पुरुष हैं, जिनकी मासिक आय उनकी पत्नि के अरमानों के हिसाब से कम है । जिसके लिए महिलाये अपने पति को आए दिन बात-बात पर ताने मारती हैं व उन्हें अपने दोस्तों रिश्तेदारों के सामने शर्मसार भी करती है ।
  • महिलाएं टीवी धारावाहिक चलचित्र से प्रेरित होकर जरूरत से ज्यादा खर्चे करती है । जिससे पुरुषों और उनके परिवारों को  आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है ।
  • ऐसे बहुत से मामले सामने आ रहे है, जहां पति दिन-रात मेहनत करके अपने खून पसीने की कमाई से घर बनाता है और पत्नी उसे उसी के बनाए घर में घुसने नहीं देती या उसे घर से बाहर निकाल देती है ।
  • ऐसे बहुत से पुरुष हैं जिनकी पत्नी , उनके द्वारा कमाए हुए सारे पैसे , कीमती समान , क्रेडिट /डेबिट  कार्ड छीन लेती है । यहां तक कि पुरुष  दिन प्रतिदिन के खरचो के लिए मोहताज हो जाते है । उन्हें हर खरचो का हिसाब देना पड़ता है , जिसके चलते उनके साथ हिंसा तक होती है ।

    Emotional ( भावनात्मक शोषण  )

 Verbal  Abuse ( मौखिक  शोषण  )


  • ऐसे बहुत से मामले सामने आ रहे हैं जहां महिलाएं व्यभिचार ( Adultry ) में रहती है और अपने पति पर ध्यान नहीं रखती । उन्हें खाना-पीना तक नहीं देती । अगर पति  इस बात का विरोध करते हैं, तो उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी मिलना आम बात हो चली है  ।
  • ऐसे में ज्यादातर मामलों में देखा गया है , महिलाएं अपने पति की  भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए , ऐसे शब्दों का प्रयोग करती है जिससे पुरुषों को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है । जैसे " अपनी मां बहन से शादी कर ले " , " अपनी मां बहन के साथ बच्चे कर ले " , ऐसे बहुत से शब्द है जिन्हें यहाँ  लिखना सही नहीं है, मगर एक सभ्य समाज के लिए घातक है।
  • ऐसे बहुत से मामले सामने आ रहे हैं जहां महिलाएं अपने पति पर नियंत्रण की सारी सीमाएं लांग देती है और अपने पति को उनके परिवार, यार दोस्तों से  मिलने तक नहीं देती । जिससे उनकी मानसिक भावनाओं को बहुत  आघात पहुंचता है उनका मनोबल गिर जाता है ।
  • ऐसे बहुत से मामले सामने आ रहे हैं जब पुरुष कमाने योग्य नहीं रहता या किसी कारणवश पैसे नहीं कमा पाते।  उन्हें उनकी पत्नी बहुत लज्जित करती है , ताने मरती है , खाने तक को नहीं देती । एक पीड़ित पुरुष ने बताया उसे उसकी पत्नी कुत्ता बोल कर खाना देती है ।
  • पति को गंदे अपमानजनक शब्दों से दुनिया के सामने संबोधित करना , हर बात में उनका मजाक , विरोध , लताड़ना , बेवजह आरोप लगाना , दूसरी महिलाओं से संबंध में शक करना  यह सब आय दिन पुरुष झेल रहे है ।
  • पुरुषों का अपने बच्चो से असीम प्रेम का फायदा उठाते हुए , महिलाएं बच्चो को चोट पहुंचाने की धमकी देती हैं , बच्चो को मारती है , गाली-गलौज करती हैं जिससे पुरुषों का बहुत मानसिक उत्पीड़न होता है ।
  • महिलाएं झूठी कहानी, वाक्यात बनाकर परिवार में लड़ाई झगड़ा करवाती है । वोह अनेक षड्यंत्र रचती है जिससे पुरुष और उनके परिवार काफी उत्पीड़न का सामना कर रहे है । 
  • महिलाएं आस-पड़ोस रिश्तेदारों में अपने पति के खिलाफ उत्पीड़न की झूठी कहानी, वाक्यात बताकर पुरुषो को शर्मशार ,लज़्ज़ित करती है  ।
  • महिलाए पुरुष और उनके परिवार को भिन्न प्रकार से प्रताड़ित करती है । उन पर झूठे मुकदमे करती हैं, जिससे पति तंग आकर, पत्नी को almony के रूप में उनकी मनमाफिक रकम दे दे ।
घरेलू हिंसा से जुड़े जितने भी प्रकार के शोषण है, यह सब एक दूसरे से जुड़े हुए हैं । पुरुष  महिलाओं की तुलना में ज्यादा भावनात्मक होते हैं । वह अपने परिवार और बच्चों के प्यार में इन शोषण को चुप  चाप झेलते रहते  है । इस उम्मीद में कि वक्त रहते हैं सब सुधर जाएगा, मगर इससे अपराधिक महिलाओं का हौसला बढ़ता जाता है । ऐसे बहुत से मामले आ रहे हैं जहां महिलाएं अपने पति का शोषण करती है और अपने किए की माफी भी मांग लेती । मगर यह शोषण का दौर नहीं रुकता । बल्कि उनको इस शोषण में मजा आने लगता है । महिलाए और नए तरीके ढूंढ कर शोषण करती है ।अपने पति पर नियंत्रण रखना, उनका शोषण करना आजकल की महिलाएं उसे गर्व समझने लगी है ।
            बहुत से मामले सामने आ रहे हैं जहां महिलाएं अपने पति के साथ रहना नहीं चाहती । वहां यह सब शोषण इसलिए करती हैं जिससे डिवोर्स की पहल उनका पति करें और वह समाज व  कानूनी  प्रक्रिया का फायदा उठा सकें ।

जो समाज "लड़का लड़की एक सामान " का नारा सदियों से बुलंद कर रहा है अफ़सोस आज उसके पास पुरुषो पर हो रही घरेलु हिंसा के लिए कोई कानून ही नहीं है 

ऐसे बहुत से वाकयात है जहां  सरकारी तंत्र पुरुषों पर हो रहे घरेलू हिंसा के मामलों को दबाना चाहती। वह चाहते ही नहीं है कि दोषी महिलाओं को सजा हो । एक तरह से वोह इस आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे है । हाल ही में एक  शोध राष्ट्रीय महिला आयोग, जो कि एक सरकारी संस्थान है उसने अपने टि्वटर हैंडल के माध्यम से किया । असल में यह शोध उन्होंने अपने एक Live Session की चर्चा के लिए किया था। NCW ने अपने ट्विटर अकाउंट से सार्वजनिक तौर पर एक प्रश्न पूछा  

 " आखिर कौन शोषण से सबसे ज्यादा खतरे में है " पुरुष महिला इत्यादि 

जिसका जनता ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया । लगभग 75%  बहुसंख्यक लोगो ने माना , पुरुष सबसे ज्यादा शोषण से खतरे में है । हमेशा के सामान जब NCW को ये शोध उनकी मर्ज़ी के अनुकूल नहीं  मिला । उन्होंने इस शोध को ही ग़ायबा/डिलीट कर दिया । #NCW_Ran_away_with_ballot_box 

इससे अनुमान लगाया जा सकता है किस प्रकार सरकारी तंत्र पुरुषो पर हो रही घरेलु हिंसा दबाना चाहते है 


घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 केवल महिलाओं के लिए बनाया गया कानून है । मगर इस बात से बिल्कुल नकारा नहीं जा सकता कि पुरुषों के साथ भी घरेलू हिंसा हो रही है । पुरुषों के संरक्षण कानूनों के अभाव व महिला केंद्रित कानूनों के दुरुप्रयोग के चलते । पीड़ित पुरुषों कि निरन्तर बड़ती आत्महत्या व महिलाओं द्वारा पुरुषों पर घरेलू हिंसा दर्शाता है , अब वक़्त आ गया है सरकार घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 में संशोधन कर के इसे तटस्थ लिंग कानून में परिवर्तित करे । 

 " भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 ( प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण ) ... यह एक मूल अधिकार है, इसमें कहा गया है, कि किसी व्‍यक्ति को उसके जीवन और निजता की स्‍वतंत्रता से बंछित किये जाने संबंधी कार्यवाही उचित ऋजु एवं युक्तियुक्‍त होनी चाहिए ”

हमारी मांग है भारतीय संविधान अनुच्छेद 21 का समान करते हुए , कानूनों और नीतियों में पुरुष / महिला शब्दों को व्यक्ति में और पति/पत्नी शब्दों को पति या पत्नी में बदला जाना चाहिए  । जिससे कानून निष्पक्ष अपराध से लड़ सके ।

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https://www.saveindianfamily.in/ ,  http://www.menwelfare.in/ 


https://swarup1972.blogspot.com/


#StopAbuseMen a movement intends to work for Men's welfare and strongly believe in replacing the word Men/Women by Person and Husband/Wife by Spouse in any Government law or policy. #MenToo are Human, they also have Constitutional Right to Live & Liberty with Dignity (#Article21 ) . #Unfairlaw or Policy can not bring Fairness in any Society, it only kills fairness in Justice System and harmony in Society. #SpeakUpMan. Help Line for abused/distressed Men ( SIF - One): +91-8882498498.
















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