Indian Adultrous Wife, Stained with the Blood of Husband
Indian Adultrous Wife , Stained with Husband's Blood
हिंदुस्तानी व्यभिचारी महिलाएं / पत्नी , जिनका दामन पति के खून से सना हुआ है
हमारा देश " हिन्दुस्तान" जो एक महिला प्रधान देश है । जहां महिलाओं को भगवान् के समान पूजा जाता है । कई सदियों से इनकी रक्षा , उन्नति व सशक्तिकरण के लिए सरकार कई हजार करोड, हर साल खर्च करती आई है । लगभग 49 से ज्यादा कानून केवल महिलाओं के हित में बनाए गए है ।
पति पत्नी में प्रतिबद्धता, एक विवहिक जिन्दगी की अहम कड़ी है । जिसके टूटते ही सब कुछ तहस नहस हो जाता है । शादीशुदा होते हुए किसी दूसरे पुरुष या महिला से संबंध बनाना या रखना, मजहबी गलत होने के साथ-साथ नैतिकता का भी खून है । जिस देश में मॉ सीता की पवित्रता को पूजा जाता है , वहाँ आज सबसे बड़ी चर्चा का विषय बना हुआ है व्याभिचारी महिलाएँ ( Adultrous Women )
सन 2018 में माननीय उच्चन्यालय ने व्याभिचार Adultry के कानून को निरस्त कर दिया, व साथ ही साथ टिपडी करी " Husband is not the master of women ", तब से देश में व्याभिचार अपराध नहीं रहा । जिसके नतीज़न हर शादी-शुदा महिला, किसी भी पुरुष के साथ सम्बन्ध बनाने के लिए स्वतन्त्र हो गई , उसपर कोई क़ानूनी कार्यवाही नहीं हो सकती । असलियत में पहले भी कभी महिलाओ को कोई सजा नहीं होती थी । इसके फल स्वरूप देश में महिलाए धडले से अपने पतियों को धोखा देती पाए जाने लगी ।
एक तरफ " My Body My choice " जैसे नारे और दूसरी तरफ क़ानूनी स्वतंत्रता
Extra - Marrital dateing App Gleedan के एक शोध के अनुसार 10 में से 7 हिंदुस्तानी महिलाएं अपने पति को धोका देती है
व्यभिचारी महिलाओं ने पति के विश्वास और परिवार को तोड़ने के साथ-साथ उन्होंने अपने पति की हत्या तक करनी चालू कर दी । ऐसे मामलों में कई गुना इजाफा देखे जाने लगा जहां पत्नी, दूसरे मर्दों के साथ नाजायज सम्बन्धों के चलते अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति, बच्चो तक की हत्या करने लगी है ।
वैसे तो महिलाओ द्वारा किए जा रहे अपराधों की संख्या , अनगिनत है । मगर अख़बारों में महिलाओं द्वारा किए जा रहे संघीन अपराधों को दबाने का चलन बहुत पुराना है। या तो ऐसे अपराधों को प्रकाशित नहीं किया जाता या कभी प्रकाशित भी किया जाता है, तो ऐसी खबरों को अखबार के किसी बीच के पन्नों में प्रकाशित किया जाता है । वहीं दूसरी तरह पुरुषों द्वारा किए गए अपराधों को अख़बारों की सुर्खियों बना दिया जाता है । समाचार चैनलों में दिन रात चर्चा करी जाने लगती है । ये कहना गलत नहीं होगा, कि ये समाज का एक घिनौना आयना है । जो महिलाओं के अपराधों को छुपाना चाहती है । पिछले कुछ महीनो में आसानी से मिलने वाली खबरों में से कुछ इस प्रकार है। जो दर्शाती है कि हिंदुस्तानी व्याभिचारी महिलाओ ने नाज़ायज़ रिश्तो में रुकावट बन रहे , अपने परिवार के सदस्यों की हत्या करना आम बात हो गई है ।
गुरजीत सिंह कस्बा रईया का कतल, उनकी खुद की पत्नी ने अपने आशिक से मिलकर कर दिया । महिला ने अपना
अपराध खुद पुलिस के सामने भी कबूल किया ।
20 मई २०२० बालाघाट आज तक में प्रकाशित खबर के अनुसार , लॉकडाउन की वजह से एक पति को जब घर पर रुकना पड़ा तो उसके सामने हैरान कर देने वाली सच्चाई सामने आई । उसकी पत्नी का 4 साल से किसी के साथ प्रेम संबंध चल रहा था । जब पत्नी को टोका, तो पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की हत्या की साजिश रचकर अपराध को अंजाम दे दिया ।
2 बच्चों की मां ने, अपने एक नहीं दो-दो प्रेमियों के साथ मिलकर । पहले अपने पति का ईट से सर फोड़ा और बाद में रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी व इस निर्मम हत्या को आत्महत्या की शक्ल देने की कोशिश करी ।
2 जून 2020 दैनिक जागरण में छपी खबर के अनुसार । आगरा के ट्रैवल एजेंसी की बस चालक के लॉकडॉउन में फंसे होने का फायदा उठाकर उसकी पत्नी अपने आशिक के साथ घर की नगदी व जेवरात लेकर भाग गई ।
27 मई 2020 अमर उजाला में छपी खबर के अनुसार। थाना कैट के रमेश को अपनी पत्नी के नाजायज संबंधों का विरोध करना भारी पड़ा । उसकी पत्नी किरणदीप ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर उसकी हत्या को अंजाम दिया ।
26 मई 2020 वनइंडिया में प्रकाशित खबर के अनुसार । लोकडाउन में फंसे पति फायदा उठा कर , 3 बच्चों की मां अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई ।
24 मई 2020 न्यूज़18 हिंदी मैं प्रकाशित खबर के अनुसार । उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में रेखा नाम की महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर, अपने पति की निर्मम हत्या कर दी व बोरे में भरकर उसका शव नहर में बहा दिया। इन सब वारदात के चश्मदीद 8 साल के बच्चे ने इस निर्मम हत्या का खुलासा किया ।
20 मई 2020 न्यूज18 मैं प्रकाशित खबर के अनुसार । आजमगढ़. उत्तर प्रदेश के लॉकडाउन के दौरान पारिवारिक रिश्तों को ताक पर रखकर , व्यभिचारी महिलाओं द्वारा बेहिसाब खून किए गए । कहीं प्रेमिका ने प्रेमी को मिलने के बहाने घर बुलाकर अपने पिता और भाइयों के साथ मिलकर उसे मौत के घाट उतार दिया, तो कहीं बहन ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपनी बड़ी बहन को मौत की नींद सुला दिया । यही नहीं, कहीं तो पत्नी ने अपने सात फेरों की कसम को भुलाकर अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की निर्मम हत्या करवा दी । इतना ही नहीं पत्नी अपने पति की मौत की आखिरी चीख फोन पर सुनती रही है । इस अपराधों कि रोकधाम के चलते , आजमगढ़ पुलिस को प्रेमी जोड़ों और अवैध सम्बन्धों पर नजर रखने व ऐसे अपराधों पर रोक लगाने के लिए एक टीम का गठन तक करना पड़ गया ।
ऐसा कहना या मानना कि पुरुषों के साथ घरेलू हिंसा हो ही नहीं सकती , ऐसा कहना सरासर गलत है । दिल्ली की एक एनजीओ Save Indian Family जो भारत की लगभग 40 NGO के साथ मिलकर, पुरुषों के हित के लिए 2006 से काम करती आ रही है और जिनका एक 24x7 पुरुष राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 8882498498 भी है । NGO के अनुसार हर महीने लगभग 4000 से 5000 पीड़ित पुरुष सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर पर फ़ोन करते हैं । इससे साफ पता चलता है , कितने पीड़ित पुरुष भारत में परेशान है ।
Save Indian Family के सलाहकार, जो हेल्पलाइन नंबर 8882-498-498 पर दिन रात पीड़ित पुरुषों की सहायता करते हैं। उनके द्वारा ऐसे लाखो पीड़ित पुरुषो द्वारा संपर्क किया जा रहा है । जो अपनी व्याभिचारी पत्नी द्वारा आए दिन प्रताड़ित किए जाते हैं । कई महिलाएं उनके सामने ही अपने प्रेमी से बातें व सम्बन्ध बनाती हैं । ऐसे बहुत से वाक्यात है जिसमें महिलाओं को उनके प्रेमी के साथ रंगे हाथों पकड़ा जाता है । जिसका विरोध किए जाने पर अधिकतर महिलाएं अपने पति की आवाज़ दबाने व अपने अपराध छुपाने के लिए, अपने पति पर झूठे मुकदमे कर देती है । ऐसे बहुत से मामले आए दिन सामने आ रहे है । जहां पति इन झूठे मुकदमों से डर से , अपनी व्यभिचारी पत्नी के साथ रहने को मजबूर है व उनके साथ हो रही घरेलू हिंसा सहने को मज़बूर है । कोर्ट में आवाज़ उठाना और महिलाओ पर व्याभिचार साबित करना अपने आप में एक कठिन काम है ।
चाहे व्यभिचार से टूटे हुए रिश्ते क्यो ना हो फिर भी न्यायालय में पति द्वारा डिवोर्स मांगे जाने को कोर्ट नकारात्मक तरीके से देखता है ।
पुरुष ना घर का है ना घाट का , अगर व्यभिचारी महिलाओं की हत्या से बच जाते हैं तो इस जिल्लत , बदनामी भरी जिंदगी के कारण आत्महत्या करने को मजबूर हो जाते हैं । बहुत जरूरी है सरकार महिलाओं के द्वारा किए जा रहे अपराधों पर समय रहते हैं संज्ञान लेना चालू करें, उन्हें कानून सख्त से सख्त सजा दे । व सजा देते समय यह नहीं सोचा जाए कि वह एक महिलाएं है । यह भी सचाई है , आज तक किसी महिला को उनके जघन अपराधों के लिए फ़ासी नहीं हुई ।
#CrimeByWomen
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https://www.saveindianfamily.in/ , http://www.menwelfare.in/
https://swarup1972.blogspot.com/
#StopAbuseMen a movement intends to work for Men's welfare and strongly believe in replacing the word Men/Women by Person and Husband/Wife by Spouse in any Government law or policy. #MenToo are Human, they also have Constitutional Right to Live & Liberty with Dignity (#Article21 ) . #Unfairlaw or Policy can not bring Fairness in any Society, it only kills fairness in Justice System and harmony in Society. #SpeakUpMan. Help Line for abused/distressed Men ( SIF - One): +91-8882498498.
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