#Feminist Biggest Business Plan #MaritalRape


हम सबने आम तौर पर सुना है , महिला संगठन एनजीओ,  महिला आयोग, गाली गलौच महिला गैंग, धरने पर बैठने वाली महिलाए । ये ऐसे संघठन है, जो Feminist या इनके वकीलों द्वारा संचालित किया जाता है । इन संगठनों एनजीओ की संख्या हजारों में है । आपकों जानकर आश्चर्य होगा , 2022 से 2023 लगभग 3184 करोड़ का बजट  महिलाओ के उत्थान के भारत सरकार ने आवंटित किया था । ये पिछले साल से 63 फिसिदी ज्यादा था । इन महिला संगठनों की दुकान इन हजारों करोड़ो के बजट के साथ साथ अनुदान , डराने धमकाने से भी चलती है। 

इनका इतिहास महिलाओ को उनके पति के खिलाफ़ भड़काकर झूठे मुकदमे दर्ज कराने का रहा है । इनके द्वारा महिलाओ को भड़काकर,  दहेज उत्पीड़न के मुकदमें ( 498A ) दर्द करा दिए जाते है । यह इतना आम और आसान हो गया है कि कोई भी विवाद हो दहेज़ उठपीड़न के मुकदमें दर्ज करा दिए जाते है। आज भी पति पक्ष के परिवार के लोगो के साथ , आस पड़ोस , दूर के रिश्तेदारों तक को दहेज़ उत्पीड़न के मुकदमों में फसा दिया जाना आम बात है। इनके लिए FIR कराना, एक पीज़ा ऑर्डर करने जैसा आसान हो गया है। 

सन 2012 में पुरुष एनजीओ की कड़ी मेहनत के फलसरूप राज्यसभा में इस कानूनी अतांकवाद #LegalTerrorism के खिलाफ़ राज्यसभा में दरखास्त लगाई। जिसके बाद से 41A को प्रभाव में लाया गया था। मगर इसके बावजूद महिला संगठनों के चलते कानूनों का दुरुपयोग नहीं रुका। पुरुषो को और उनके परिवार वालो को जानवरो की तरह जेलो में डालना बंद नही हुआ ।

सन 2017 से पहले का आलम ये था , हर दहेज़ उत्पीड़न के मुकदमें में सुसराम पक्ष के लोगो को जेलों में भर दिया जाता था और इन सब में सबसे मोटी कमाई महिला संगठन और इनके वकीलों द्वारा की जाती थी ।  बेल समझाते कराने के वकील और महिला संगठन लाखो वसूलते थे और आज भी वसूलते है। 

सन 2017 में अर्निश कुमार बनाम स्टेट ऑफ बिहार की 41A की गाइडलाईन आने के बाद । पति पक्ष के लोगों के गिरफ़्तारी पर रोक लग गई। जिससे सीधे तौर पर महिला संगठन और उनके वकीलों के गोरख धंधे का भट्ठा बैठा गया । आपकों जानकर आश्चर्य होगा कि इन लोगों ने इसका भी पहले से ही इंतजाम कर रखा था। 
करोड़ों के अनुदानों , बजट और फिरौती के धंधों से पनपे महिला संगठनों ने अब तक का सबसे बड़ा बिजनेस प्लान 2016 में ही बना लिया था। ये बिजनस प्लान था Marital Rape अर्थार्थ वैवाहिक बलात्कार। इस बिज़नेस प्लान के अंतर्गत करोड़ो की फीस वाले महंगे से महंगे वकीलों की टोली को रखा गया । हालाकी इस बार पहले के समान इनकी किस्मत जोर नही मार पाई। इन लोगो द्वारा लगाई PIL को रोकने के लिए हिन्दुस्तान के इतिहास पहली बार दो पुरुष संघटानों मेन वेलफेयर ट्रस्ट व हृदय फाउंडेशन ने टक्कर दी। इनकी बदौलत, ये कानून बनने से पहले रुक गया और 2023 में सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। 


आखिर ये कानून इन लोगो के अस्तित्व के लिए इतना खास क्यों है ?

1. इसके आते है, पति और उसके परिवार को बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के जुर्म में जेलों में पहले की तरह भर दिया जायेगा और बेल या समझौते के नाम पर गोरख धंधा फिर से चालू हो जाएगा।
2. कोई लिमिटेशन पीरियड या समय सीमा ना होने के कारण । पत्नी पति पर जबमर्जी मुक़दमा दर्ज करा सकती है और बेगुनाई साबित करने का भार भी पति पर होगा । जो वोह कभी साबित नही कर सकेगा और जेल जायेगा ही । 
3. पति और उसके परिवार के लोगों की बदनामी मीडिया में आसानी से करी जा सकेगी । जिसके डर से उनसे मोटी रकम वसूली जा सकेगी।
4. एक बलात्कारी या आरोपित होने के चलते, उनसे बच्चो की कस्टडी आसानी से छीनी जा सकेगी।
5. जैसे ही पति और उसके परिवार पक्ष के लोग जेलों में भर दिए जाएंगे , पत्नि उनके घर पर आसानी से कब्जा कर सकेंगी और यह उनके लिए आसान जीत होगी।
6. बलातकार पीड़िता के लिए मिलने वाली सरकारी मदत से इनकी कमाई में इजाफा होगा ।
7. 2012 में बलातकार कानून के एविडेंस एक्ट में बदलाव की वजह से महिला के कथन मात्र पर,पति को सजा हो जायेगी। उसे कोई मेडिकल ,सैंपल ,सबूत तारीक , कुछ देने की आवश्यकता नहीं होगी और पत्नि मुक़दमा आसानी से निश्चित रूप से जीत जायेगी। 
8. अब चाहें गलती महिला की क्यों ना हो , सजा तो लड़के को ही मिलनी है । जिसके डर से लडके पक्ष के लोग हमेशा झुक कर ही रहेंगे और फिरौती की मोटी रकम आसानी से वसूली जा सकेगी।

अपने इस गोरख धंधे में महिला संगठन और वकील इतने पागल हो गए हैं ये भूल गए कि इनके घरों में भी भाई बाप या अन्य पुरुष रहते हैं । उनके ऊपर भी झूठे मुकदमे दर्ज हो सकते हैं। 

शादी , विवाह , निगाह, मैरिज या अन्य कोई नाम किसी और धर्म में हो सकते हैं । इसमें कोई संध्य नही , कि हर धर्म में इस रिश्ते की रचना सोच समझकर करी गई थीं। जिससे समाज एक दायरे में  नियमों के अनुसार चले। महिला पुरुष इस रिश्ते में बंधकर रहे । अपनी शारीरिक जरूरतों के लिए, विवाह के बाद अपने साथी के साथ पूरी करे । शादी में दोनों की सम्बंध बनाने की मंजूरी पहले से ही होती है , इसमें बलात्कार जैसे शब्दों का कोई स्थान नहीं। कानून बनाने वालो ने भी बड़े अध्यन और शोध के बाद 375 में पति को ऐसे अपराधो की श्रेणी से बाहर रखा है। 

पैसो की भूख के लिए, ऐसे कानूनों की वकालत और लाने की मांग करने वाली महिला संगठन को बेशक अभी अच्छा लग रहा होगा मगर यह कानून केवल और केवल देश में लिंग भेदी जंग को जन्म देगा । #HusbandSucide #MenSucide में बड़ा इजाफा करेगा । पुरुष शादी करना छोड़ देंगे,  जो केवल समाजिक ढांचे को हिलाकर रख देगा और इनके जिमेदार सीधे तौर पर महिला संगठन, वकील और कुर्सियों पर विराजमान न्यायधीश।

अति आवश्यक है कि माननीय चंदरचुद जैसे न्यायधीश को ऐसी सुनवाई से तत्काल दूर किया जाना चाहिए। क्योंकि वह एक महिलावादी सोच से ग्रस्त है । वह कभी निरपक्ष होकर न्याय नही कर सकते ।

हमे डर आतंकवादी, तालिबान किसी से नही लगता सिर्फ डर लगता है तो इस #LegalExtortion #LegalTerrorism से लगता है। अगर सरकार हमारी रक्षा नहीं कर सकतीं । हमे इस महिला आतंकवाद से नही बचा सकती तो हम किस मुंह से कहे हमे अपने देश पर गर्व है ?


#StopAbuseMen a movement intends to work for Men's welfare and strongly believe in replacing the word Men/Women by Person and Husband/Wife by Spouse in any Government law or policy. #MenToo are Human, they also have Constitutional Right to Live & Liberty with Dignity (#Article21 ) . #Unfairlaw or Policy can not bring Fairness in any Society, it only kills fairness in Justice System and harmony in Society. #SpeakUpMan. Help Line for abused/distressed Men ( SIF - One): +91-8882498498.


Comments

  1. These feminist destroying indian culture , indian joint family system , now indian men want to live alone instead of marriage

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  2. Fake rape cases should be penalized by law.

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  3. अर्निश कुमार बनाम स्टेट ऑफ बिहार की 41A की गाइडलाईन आने के बाद महिला संगठनों ने अपनी कमाई बढ़ाने के ज़रिए को जारी रखने के लिए धारा 377 को भी FIR में शामिल करना शुरू कर दिया। बहुत ही सटीक ब्लॉग लिखा है।

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  4. I never get marry, these feminist are destroying our culture and social value. They are killing Men's and boys on the name of rape case, MeeToo, equality, Domestic voilence.

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  5. Talibani, ya koi aatankwadi hame gharo me jhoothe case karke Jail me nahi rakhte, dahej aur rape balatkara ke case nahi karte aur na paise ki demand karte hai. Wo logo Men's ya Women's ko kabhi faisala nahi hai.

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  6. Sabse bada aatankwad aur iska jad hai #feminism

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  7. Truth which will destroy this country if govt did not take any stand.

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