क्या इस पुरुष के साथ हुए बलात्कार, के लिए भी निर्भया की तरह कानूनों को बदला जाएगा ?
#RapeOfMen #DomesticViolenceOnMen यह ऐसी क्रूरता है। जिसे हमारा समाज , हमारा कानून बहुत लंबे समय से नजरअंदाज करता आया है। ऐसे कई देश है जहां महिलाए यौन हिंसा के लिए जेलो में सजा काट रही है। मगर दुर्भाग्य से हमारे देश भारत में आज तक ऐसी महिलाए निडर अपराध करके आजादी से घूम रही है ।
अगर कोई पुरुष अपनी पत्नी द्वारा प्रताड़ित किए जाने पर लोगों को बताता है , तो वह हंसी का पात्र बन जाता है । हर जगह सोशल मीडिया पर पुरुषों पर हो रहे अत्याचारों को मजाक के रूप में दर्शाया जाता है। ऐसे बहुत से कार्टून बनाए जाते हैं , जिसमें पत्नी अपने पति को झाड़ू , बेलन से मारती नजर आती है ।
रोहतक हरियाणा में एक पत्नी ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर अत्याचारों बर्बरता की सभी हदें पार करदी। एक सत्य ख़बर न्यूज के अनुसार पत्नि ने अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर।
अपने पति के गुदा ( Anus) में मिर्च पाउडर भर दिया और निर्मम तरीके से गुदा ( Anus) में एक डंडा घुसेड़ दिया। जिससे उसकी अंतड़िया फट गई। जिसके बाद उसे कई घंटों तक बंधक बनाए रखा गया और उसके साथ अमानवीय तरीके से मार पीट करी गई । वह दर्द से कराहता रहा मगर किसी ने उसकी एक ना सुनी । उसके रिश्तेदारों के अनुसार शरीर पर कोई जगह नही छोड़ी, जहा इस बर्बरता के निशान ना हो । वह एक खिड़की किसी तरह बाहर कूद कर अपनी जान बचाने में कामयाब हुआ और अपनी बहन व उसके पति की सहायता से अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसका बड़ा ऑपरेशन करके जान बचाई गई।
ये दर्शाता है कैसे महिलाए पुरुषों को यौन शौषण, अप्राकृतिक यौनाचार का शिकार बनाती है। गौर ये भी है कि भारत में एक तरफा कानूनों का बोल बाला रहा है । सविधान सभी की बराबरी की बात करता है, मगर आज तक एक भी कानून पुरुषो के लिए नही बनाया जा सका है। जानवरो पेड़ पौधों सभी के लिए आयोग मंत्रालय है मगर पुरूषो के लिए कोई कानून नहीं।
ऐसे अन गिनत मामले है, जहां पुरुष के साथ छेड़ छाड़, यौन शौषण, अप्राकृतिक यौनाचार महिलाओ द्वारा किया जाता है । यहां तक कि महिला एवम बाल कल्याण मंत्रालय के द्वारा प्रकाशित 2007 के शोध के अनुसार 57.30% बालक यौन शौषण का शिकार होते है। इस शोध को आगे कभी नहीं किया गया क्योकि ये पुरुषो को पीड़ित दर्शाती थी।
सवाल ये उठता है, क्या संसद निर्भया काण्ड की तरह एक विशेष सत्र बुलाकर बलात्कार कानून में शंशोधन करेगी और यौन पीड़ित पुरुषों को इन्साफ दिलवाएगी ?
कर्नाटका उच्च न्यायलय में एक जज साहब ने टिपडी करी थी " Rape is Rape " फिर ये सवाल उठता है , आखिर पुरुषो के साथ होने वाले यौन शौषण, अप्राकृतिक यौनाचार को Rape क्यों नहीं बोलोगे ?
हर साल 108000 से ज्यादा पुरुष आत्महत्या कर रहे हैं इनके और इनके परिवार वालों की भी सोचो, मत इनको मौत के मुँह में धकेलो
अगर नेता पुरुषो से इतनी नफरत करते है, उनके लिए कोई कानून , मंत्रालय , आयोग नहीं बना सकते तो पुरुष इनको वोट क्यों दे ?
#NoVote2MaleHaters #Nota4Men
Is mahila ko kadi se kadi saja mil ni chaiye
ReplyDeleteThe women and her family members shall be hanged till death for such rarest of rarest act. Also, the law makers shall amend the rape laws and make them gender neutral. The act performed by women (wife) is Rape and shall be looked as Rape trail. No bail and immediate arrest of all accused.
ReplyDeleteVote bank की राजनीति. समाज व पुरुषों के हक से किसी को कुछ लेना देना नहीं है
ReplyDeleteHang her and their family.
ReplyDeleteMake a law for men rape also
ReplyDeleteकिसी नेता के साथ ऐसा होगा या किसी नेता के बेटे के साथ ऐसा होगा तभी देश के पुरुषों को न्याय मिलेगा
ReplyDeleteWell said..
ReplyDeleteबहुत दुखद स्थिति है हम पुरुषों की।
Yeh to men ke against nirbhaya kaand se bhi jyada Ganda rape hai.
ReplyDeleteInsaniyat ko sharamsaar Kiya.
Rape should be gender neutral
Rape or marital rape or 377 should be gender neutral
ReplyDeletePta nhi kab yelog jaakar kanun me sanshodhan hoga or purusho ko mahilao ke samanay adhikar milenge😔😔😔
ReplyDeletePta nhi kab yelog jaakar kanun me sanshodhan hoga or purusho ko mahilao ke samanay adhikar milenge😔😔😔
ReplyDeleteबहुत ही बेकार हुआ जो हम इसके लिएभी आवाज नही उठा रहे
ReplyDeleteThe only way to stop man abuse in our so cold women oriented modern society
ReplyDeleteMen commission
ReplyDeletemen commission
men commission
Purushon ke liye bhi Kanoon Mein badlav Lana chahie Purush bhi pratadit Hota Hai
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