#TarunTejpal ( Acquittal by Court is Important or By hand of #WomenActivist )
#TarunTejpal (Acquittal by Court is Important or By hand of #WomenActivist )
टि्वटर, न्यूज़ चैनलों और अन्य डिबेट को देखकर लगता है, तरुण तेजपाल जैसे आरोपियों को माननीय न्यायालय से बरी होने की जगह वूमेन एक्टिविस्ट के हाथों बेगुनाही का सर्टिफिकेट लेना जरूरी है
Rape एक ऐसा शब्द, जिसे सुनते ही हम सबके मन में अनेकों भाव आने लगते हैं। मीडिया में दिखाएं, आरोपी पुरुषों की हम राक्षसों से तुलना करना चालू कर देते हैं। 2010 से 2019 तक के एनसीआरबी डाटा के अनुसार लगभग 76% पुरूष निर्दोष पाए जाते है । ज्यादातर मुकदमे बदले, पैसों, द्वेष या बदनामी करने के उद्देश्य से फाइल करे जाते हैं। झूठे मुक़दमे करके करोड़ो की मांग करना आम बात हो गई है।
ऐसा ही एक बहु चर्चित मुलदमा था #TarunTejpal , एक जानी मानी शख्सियत, जो पत्रकार, प्रकाशक, उपन्यासकार और तहलका पत्रिका के पूर्व प्रधान संपादक है। नवम्बर 2013 में #TarunTejpal , उनकी महिला सहकर्मचारी, जो उनके नीचे काम करती थी व उनको भली भाती जानती थी। उसने उन पर अंतरराष्ट्रीय होटल की लिफ्ट में यौन शौषण के आरोप लगाए। जिसके आरोप में वह गिरफ्तार किए गए व लगभग 8 महीने जेल में सजा काटी व जुलाई 2014 में उन्हें SC से बेल मिली । उन पर लगे आरोप पहले रेप की श्रेणी में नहीं आते थे, मगर निर्भया कांड के बाद यौन उत्पीड़न कानूनों में संशोधन करके जोड़ दिए गए।
कोर्ट ने लगभग हर एक पहलू पर ध्यान दिया और बड़ी कुशलता , वैज्ञानिक सोच से एक निर्दोष पुरुष को बरी करा। उनमें से कुछ मुख्य बिंदु इस प्रकार है।
- महिला ने आरोप लगाए की #TarunTejpal ने 2 मिनट के अंतराल में, लिफ्ट में उसे जबरदस्ती चुमबन करा व उसके गारमेंट्स उतारकर , योनि में उंगली करी व जीभ से चाटा । महिला यह भी साबित करने में नाकामयाब रही कैसे 2 मिनट तक, लिफ्ट बगैर रुके चलती रही।
- महिला ने कोई शिकायत अगले दिन भी कही नही करी। उसने बताया उसके साथ एक बार और यौन शौषण करने की कोशिश करी व उसके नितंब को भी दबाया ।
- महिला के साथ हुई वारदात को उसने, कई दिन बाद अपने सहकर्मी #TarunTejpal की बेटी को भी बताया।
- महिला ने शिकायत में व् पुलिस को बताया था, कि इस घटना के बाद लिफ्ट से निकलकर वह सीधे अपने होटल में चली गई, जहाँ वह और बाकी सब संस्थान के लोग रुके हुए थे । मगर क्रोस एग्जामिनेशन में वह पलटी और उसने कबूल करा कि वह लिफ्ट से बाहर निकल कर अपने होटल नहीं बल्कि पहले अपने दोस्त के कमरे में गई और उसके साथ हुए यौन शोषण के बारे में बताया।
- उसी महिला के दोस्त ने क्रॉस एग्जामिनेशन में आकर कोर्ट को बताया कि महिला ने उसे आकर कहाँ " जानते हो मैं किसे डेट कर रही हूं " दोस्त ने पूछा क्या डाबर रेनलो ? महिला ने बताया नही TT ( Tarun tejpal ) " व् अपने दोस्त को किसी से भी इस बात का जिक्र करने से मना करा। महिला के दोस्त ने इस सच्चाई को कोर्ट को बताने से पहले कई पत्र पुलिस को भी लिखे थे। कोर्ट ने इस बात का संज्ञान लिया था।
- 10 दिन के बाद महिला ने संस्थान को ईमेल के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई।
- कोर्ट ने इस बात पर संज्ञान भी लिया की महिला ने शिकायत कमेटी को देने के बाद , पुरुष को शमा पत्र देने के लिए दवाब बनाया व महिला ने कमेटी के उच्च अधिकारियों को आश्वस्त किया अगर पुरुष माफीनामा देगा, तो वह अपनी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं चाहेगी। जिसके दवाब व प्रभाव मैं आकर पुरुष ने अपना अपराध कबूल करे बिना माफ़ीनामा दिया।
- कोर्ट ने ये भी अंकित किया, कि महिला के ईमेल व्हाट्सएप मैसेज से पता चला कि महिला के संपर्क में #WomenActivist वकीलों व संपादकों के निरंतर संपर्क में थी , और इन सबकी एक बहुत बड़ी टोली #Tarun tejpal के माफीनामे का बेसबरी से इंतज़ार कर रही थी। जैसे ही पुरुष ने दवाब व मामले को निपटाने के लिए अपना अपराध कबूल करे बिना माफ़ी नामा दिया । पहके से इंतज़ार कर रहे मीडिया ने इसे सारे चैनलों पर इसे इरादतन फ़ैला दिया।
- गोआ पुलिस ने न्यूज चैनल पर चल रहे मीडिया ट्रायल से प्रेरित होकर स्वयं संज्ञान लेते हुए , जांच चालू कर दी। महीला आयोग ने सज्ञान लेते हुए, गोआ पुलिस को पत्र लिखा जिसके के बाद FIR कर दी गई। वह गिरफतार कर लिए गए, वह उन्हें जुलाई 2014 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बेल दे दी गई व निचली कोर्ट को 8 महीने के अंदर मुकदमे को खत्म करने की दिशा निर्देश भी दिए गए।
- इस मुक़दमे में शिकायत कर्ता खुद जाँच अधिकारी थी और उसने ही खुद मुक़दमे की जाँच पूरी करी थी।
- कोर्ट ने ये भी सज्ञान लिया , कि जांच अधिकारी ने बहुत से महत्त्व पूर्ण CCTV फुटेज नहीं इकठे करे जो इस मुक़दमे के लिए मील का पत्थर साबित हो सकते थे।
Very well written Priyash.
ReplyDeleteVery nice sir ab purusho Par jhoothe case bahut baddh gye hai desh mai kanoon badlne ki jarurat hai
ReplyDeleteIs desh mein purusho ko dusre darje ka naagrik baba kar rakh diya gaya. Ye vartaman Bharat ki durdasha hai. Andher Nagari, Chaupat Raja.
ReplyDeleteWonderful blog. Keep up the good work boss.
ReplyDeleteदेश के पुरुष को को भी उतना ही महत्व दे जितना कि इस देश में महिलाओं को दिया जाता है आज कोई भी महिला किसी भी पुरुष को किसी भी तरह के झूठे मुकदमे में फसा देती है आखिर हम क्यों इस प्रतड़ना को सहे कानून लाओ नहीं तो VOTE FOR NOTA मे
ReplyDeleteVery well written blog..
ReplyDeleteA man is always at risk ...the risk increases manyfold if he is married