#FourMoreShotsPLease - Is That #Bollywood like to Encash the #Feminist pendemic
#FourMoreShotsPLease - Is That #Bollywood like to Encash the #Feminist pendemic
सारी दुनिया बखूबी जानने लगी है , किस प्रकार महिलावादी सोच #Feminism एक महामारी की तरह हर देश की नसों को कमजोर करती जा रही है । इनका मकसद केवल पुरुषों की तुष्टीकरण है । यह हमेशा अपनी #GenderBiased सोच से आगे बढ़ना ही नहीं चाहते । यह शुरू से ही #GenderNeutral सोच का दिखावा करते हुए , हमेशा घूम फिर कर पुरुष तुष्टीकरण नीति पर आ जाते हैं। यह कहना गलत नहीं होगा महिलावादी सोच कुछ लोगों के लिए कम समय में पैसा शोहरत कमाने का एक जरिया बनकर रह गया । यह भी कह सकते हैं नकारात्मक विपणन ( Negative Marketing ) या चर्चा में आने के लिए अवसरवादी नारीवादी लोग इसका फायदा उठाते आय है ।
बॉलीवुड उद्योग हिंदुस्तानी चलचित्र के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है । हिंदुस्तानी चलचित्र व धारावाहिक पूरे विश्व में बड़े ही उत्सुकता के साथ देखा जाता है व इनके विश्वव्यापी प्रशंसक है । हिंदुस्तान में हर प्रकार के चलचित्र बनते आय है और बनते रहेंगे । अब एक नया दौर चालू हुआ है जिसमें महिलावादी सोच को मुख्यतः दर्शाया जाने लगा है । नकारात्मक विपणन का फायदा उठाने की पुरजोर कोशिश करी जाती है बल्कि ये भी कहा जासकता हैं , चलचित्र की कहानी में कुछ दम हो या ना हो नकारात्मक विपणन से जरूर चल पड़ेगी ।
नारीवादी सोच का एक नया दौर " My body My choice " .जिसके अंतर्गत उन्होंने महिलाओ की आजादी को नए नाम दिए , जो मन में आए वह कपड़े पहनने , चाहे वोह समाज के विरूद्ध क्यों ना हो व गर्भ पात की आज़ादी , खूब जलसों में जाना , मदिरापान , मादक पदार्थों का सेवन , मां बहन की गाली देना इत्यादि ऐसे कई मुद्दों को जन्म दिया गया । बल्कि इन्होंने हर वो बात जिसके लिए #Feminist पुरुषों को कोसते आ रहे है , आज उसी को महिलाओ की नई पहचान बना दिया बल्कि Fashion , Latest Trend बना दिया । पुरुष अगर दारु पिए तो माना जायेगा वो अपराध करेगा रेप , #DomesticViolence घरेलू हिंसा करेगा । वहीं अगर महिला दारू पीती है , तो वो महिलावादियों के अनुसार नए दौर की नई मॉडर्न महिला है । समझ के परे है कैसे अपराध को किसी लिंग से जोड़ा जा सकता है ? अपराध अपराध है वह किसी भी लिंक के लिए अच्छा या बुरा नहीं हो सकता , वह केवल अपराध है ।
" My body My choice " नारीवादी सोच की तर्ज पर बॉलीवुड की नई चलचित्र / धारावाहिक जिसका नाम है " Four More Shots Please "
हॉलीवुड बॉलीवुड सब उद्योगों को करोड़ों लोग अनुसरण / Follow करते हैं । यहाँ पर जो भी दिखाया जाता है , जो भी पहना जाता है , वह एक फैशन बन जाता है । सीधे तौर पर यह करोड़ों लोगों की जिंदगियों को प्रभावित करता है ।Amazon Prime पर एक धारावाहिक प्रकाशित हुआ "Four More Shots Please" । इस धारावाहिक की श्रंखला को देखकर आप समझ सकते हैं किस प्रकार नारीवादी शक्तियां हमारे युवा को पश्चिमी सभ्यता के अंधकार की तरफ धकेल रही है । ये धारावाहिक नारीवादी सिद्धांतों पर चलने वाली , 4 महिलाओ की जीविका पर आधारित है । इस धारावाहिक के नाम के अनुसार पश्चिमी सभ्यता की तर्ज पर रोज मदिरापान को प्राथमिकता दी गई है ।
कहानी का सारांश
धारावाहिक में एक किरदार अंजना मेनन है जो कॉर्पोरेट जगत की सफल अधिवक्ता है , जिनका छोटी सी बात पर अपने पति से तलाक हो चुका है , अब वह अपनी उम्र से काफी कम , अपने ऑफिस के सहकर्मी के साथ livein में रह रही है । इस दौरान बेचारा पुरुष युवक , इस महिला के प्यार में अंधा हो जाता है और किरदार के साथ घर बसाना चाहता है । मगर यहां पर भी नारीवादी की सोच से ग्रसित किरदार को शादी की जिम्मेदारियों से डर लगने लगता है। जो रिश्ता उसने अपनी शरीर की भूक़ के लिए बनाया था , वह शादी के डर से रिश्ता तोड़ देती है और वो आज़ाद रहना पसन्द करती है ।
दूसरा किरदार उमंग सिंग है जो समलैंगिक है व Bisexual भी है । वह भी शादी की जिम्मेदारियों से डरकर अपना कर्रिएर बनाने के उद्देश्य से , अपने घर से भाग कर मुंबई आजाती है , बतौर जिम इंस्ट्रक्टर का काम करने लगती है । यहां पर वह कई पुरुषों के साथ संबंध बनाने के लिए बदनाम भी रहती है । जिम की ट्रेनिंग के दौरान , वह एक अभिनेत्री के प्यार में पड़ जाती है । अभिनेत्री समारा कपूर भी समलैंगिक निकलती है और उनके बीच में प्यार हो जाता है । समाज की भारी बदनामी के कारण वह अलग हो जाते हैं , अभिनेत्री मानसिक दबाव में आजाती है । बाद में दोनों शादी करने का निर्णय लेते हैं । शादी वाले दिन अभिनेत्री एक हॉलीवुड चलचित्र के प्रस्ताव को हां बोलती है और दोनों के भविष्य की प्लानिंग करती है । मगर यहां पर भी नारीवादी सोच किरदार उमंग सिंग पर हावी हो जाती है और अपनी आजादी अपने कैरियर के लिए वोह शादी के मंडप से भाग जाती है ।
इसमें तीसरा किरदार दामिनी रिजवी जो एक पत्रकार है । पूरे धारावाहिक में इस किरदार को अनेक पुरुषों के साथ संबंधों को प्राथमिकता दी गई है । कभी बारटेंडर के साथ , कभी अपने डॉक्टर के साथ अपनी शारीरिक भूख मिटाने में लगी रहती है । इसमें यह समझ में नहीं आता आशिकी बारटेंडर के साथ और संबंध डॉक्टर के साथ । एक बार बारटेंडर दोस्त , डॉक्टर के साथ उसे किस करते हुए देख लेता है और ब्रेकअप कर लेता है और वो इसको छोड अपनी पुरानी प्रेमिका के साथ जुड़ जाता है । तब किरदार अपनी शारीरिक भूख मिटाने के लिए , स्टेपनी के तौर पर रखे हुए डॉक्टर से संबंध बनाने लगती है । फिर कुछ दिनों के बाद डॉक्टर साहब को छोड़कर उन्हें बारटेंडर से दोबारा इश्क़ हो जाता है । इस दौरान किरदार को पता चलता है कि वह डॉक्टर से प्रेग्नेंट है जिसका बारटेंडर लड़के को नहीं मालूम । उसे इस बात का पता लगते ही ब्रेकअप हो जाते हैं । अब देश में एक नया शब्द इन नारीवादी लोगों ने परिचय / Introduce किया Share Parenting , जिसके लिए डॉक्टर राजी हो जाता है और दोनों सिंगापुर शिफ्ट होने की सोच लेते हैं ।इस दौरान किरदार का मिसकैरेज हो जाता है और फिर से वह सब जिम्मेदारियों से आजाद पंछी हो जाती है ।
आखिरी किरदार एक गुजराती महिला सिद्धि पटेल है । उसके मां-बाप एक हाई क्लास पैसे वाले लड़के से , अपनी लड़की से शादी कराने में लगे रहते हैं । अधिक वजन के कारण शादी में दिक्कत आती है जिससे वह डिप्रेशन में आ जाती है । अब bollywood #feminist निर्मित नया डिप्रेशन , जिसमें वह लोकप्रियता पाने के लिए एक पोर्न साइट पर अंग प्रदर्शन करना चालू कर देती है व उसके कई प्रशंसक बन जाते हैं । इस दौरान उसका एक प्रशंसक उसी के बॉयफ्रेंड व होने वाले पति का पिता निकलता है । सब रिश्ते खत्म हो जाता है । अब किरदार के नारीवादी बड़बोले पन को दर्शाया गया है अब वह स्टेज शो करने वाले लड़के के प्रेरित करने पर स्टेज Anchor बन जाती है । जिस शो में केवल हर बुरी आदतों की वकालत करते हुए दर्शाया गया हैं । अश्लीलता व भद्दे मज़ाक से भरपूर शो करती है और इसी को अपनी कामयाबी समझती है ।
इस दौरान अंजना मैनन किरदार का तीसरा अफैर हो जाता है । अब एल और नया Bollywood #Feminist ने परिचय ( Introduce ) किया Open Marriage . अब मोहतरमा अपने बिज़नेस पार्टनर जो कि शादीशुदा है और Open Marriage में अपनी पत्नी के साथ रहता है । अब किरदार शादी शुदा पार्टनर के साथ अपनी शारीरिक भूखकी भूक मिटाने के लिए सम्बन्ध बनाना चालू करदेती है और जब उसकी पत्नी को पता चल जाता है की अदाकारा उनके पति के साथ सम्बन्ध में है । तो वो होशियारी से बेचारी अबला नारी बन कर वहां से निकल जाती है ।
कहानी का सार
अब धारावाहिक का अंत यह है, वकील साहिबा अंजना मैन 3 अफेयर के बाद भी आजाद है , जिम इंस्ट्रक्टर उमंग सिंह अपनी पसन्द की लड़की के साथ समलैंगिक के शादी के मंडप से भाग कर आज़ाद है , पत्रकार दामिनी रिजवी बारटेंडर व डॉक्टर मित्र से भी आज़ाद है और आखरी बची गुजराती महिला सिद्धि पटेल अपने मंगेतर और अपने anchor बॉय फ्रेंड को सब को छोड़कर आजाद है ।
ऐसा लग रहा है ये धारावाहिक जो महिलावादी सोच से प्रेरित है , केवल और केवल हमारे युवा पीढ़ी को गुमराह करने के लिए बनाया गया है । नारीवादी सोच #Feminist , " My body My choice " जैसे नारों का मकसद केवळ हिंदुस्तानी सभ्यता को आजादी के नाम पर नष्ट करना है ।
यह बहुत डरावनी सच्चाई है क्या हम , ऐसे धारावाहिक चलचित्रो के माध्यमों से आने वाली पीढ़ी को यह बताना चाहते हैं रोज मदिरापान करना एक उन्नत , आधुनिक लोगों की निशानी है । रोज पार्टी क्लब में जाकर मदिरापान , मादक पदार्थों का सेवन , धूम्रपान करना ही हमारी पीढ़ी के लिए उन्नति की राह हैं । अगर आपका बॉय या गर्ल फ्रेंड नहीं है या इस धारावहिक के अनुसार एक से ज्यादा सम्बन्ध नहीं है तो , आप चंद बुद्धिजीवी बताए जाने वाले फेमिनिस्टों के Modern मानकों पर खरे नहीं उतरते । इनके द्वारा समाज में युवाओ में एक और महामारी फैलाई जा जिसका नाम " My body My choice " । इन पश्चिमी देशों के ऐसे नारो , ने हमारे देश के युवाओं में एक पद्धति चालू कर दी है । अगर आप युवाओं को किसी भी प्रकार से रोकना चाहेंगे , चाहे वह समाज के लिए या उनके खुद के लिए बुरा क्यों ना हो , आपको इसका जवाब मिलेगा " My body My choice " .
धारावाहिक खुद दर्शाता है , किस प्रकार नारीवादी सोच इनके अंदर इतना विरोधाभास पैदा कर देती हैं , कि ये यही फैसला नहीं कर पाती आखिर जीवन से चाहिए क्या ? लगभग सभी चारो किरदारों के जीवन में , पुरुष इनके साथ खुशहाल जिंदगी बिताने के लिए राज़ी रहते है , मगर ये महिलाए अपनी नारीवादी सोच के कारण किसी भी पुरुषो के साथ जिन्दगी नहीं बसा पाती ।
ऐसे धारावाहिक केवल और केवल देश की युवाओं की मानसिकता को प्रदूषित करने का काम कर रहे हैं । यह समझना बहुत मुश्किल है सेंसर बोर्ड कैसे ऐसे धारावाहिकों को हरी झण्डी देते हैं । बहुत जरूरी है इस मानसिकता पर रोक लगाने की । जैसे पश्चिमी देश अपनी पीढ़ी को नहीं संभाल पा रहे हैं । वह दिन दूर नहीं है जब हिंदुस्तानी भी अपनी युवा पीढ़ी को नहीं समझा पाएंगे क्या बुरा है और क्या सही । हर गलत काम करने का लाइसेंस नहीं है " My body My choice"
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https://www.saveindianfamily.in/ , http://www.menwelfare.in/
https://swarup1972.blogspot.com/
#StopAbuseMen a movement intends to work for Men's welfare and strongly believe in replacing the word Men/Women by Person and Husband/Wife by Spouse in any Government law or policy. #MenToo are Human, they also have Constitutional Right to Live & Liberty with Dignity (#Article21 ) . #Unfairlaw or Policy can not bring Fairness in any Society, it only kills fairness in Justice System and harmony in Society. #SpeakUpMan. Help Line for abused/distressed Men ( SIF - One): +91-8882498498.
धारावाहिक खुद दर्शाता है , किस प्रकार नारीवादी सोच इनके अंदर इतना विरोधाभास पैदा कर देती हैं , कि ये यही फैसला नहीं कर पाती आखिर जीवन से चाहिए क्या ? लगभग सभी चारो किरदारों के जीवन में , पुरुष इनके साथ खुशहाल जिंदगी बिताने के लिए राज़ी रहते है , मगर ये महिलाए अपनी नारीवादी सोच के कारण किसी भी पुरुषो के साथ जिन्दगी नहीं बसा पाती ।
ऐसे धारावाहिक केवल और केवल देश की युवाओं की मानसिकता को प्रदूषित करने का काम कर रहे हैं । यह समझना बहुत मुश्किल है सेंसर बोर्ड कैसे ऐसे धारावाहिकों को हरी झण्डी देते हैं । बहुत जरूरी है इस मानसिकता पर रोक लगाने की । जैसे पश्चिमी देश अपनी पीढ़ी को नहीं संभाल पा रहे हैं । वह दिन दूर नहीं है जब हिंदुस्तानी भी अपनी युवा पीढ़ी को नहीं समझा पाएंगे क्या बुरा है और क्या सही । हर गलत काम करने का लाइसेंस नहीं है " My body My choice"
"My body My choice " के नाम नारीवादी तर्ज पर बनाए हुए ऐसे धारावाहिकों की वजह से देश में युवा महिलाओं का दिमाग इतना प्रदूषित हो गया है , कि वह Instagram पर # GirlsLockerRoom जैसे अकाउंट बनाकर लड़कों के बारे में अश्लील बातें करती है । वहाँ पुरुषो की अश्लील फोटो share करके , ऐसे भद्दे कमेंट डाले जाते हैं तो शायद इनके अभिभावक कभी सुन भी नहीं सकते । यहाँ तक उनका यौन शोषण तक करने की बात करी जाती है । ऐसे धारावाहिक चलचित्र ही महिलाओं का दिमाग प्रदूषित कर रहे है ।
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#StopAbuseMen a movement intends to work for Men's welfare and strongly believe in replacing the word Men/Women by Person and Husband/Wife by Spouse in any Government law or policy. #MenToo are Human, they also have Constitutional Right to Live & Liberty with Dignity (#Article21 ) . #Unfairlaw or Policy can not bring Fairness in any Society, it only kills fairness in Justice System and harmony in Society. #SpeakUpMan. Help Line for abused/distressed Men ( SIF - One): +91-8882498498.
They are spoiling our culture. Same time they are misusing the men. To protect the men rights, men commission should be formed
ReplyDeleteYae hamarae india ka aek chaehra hai jismae kasae har samay kasae har purush kae sath torchure or pursho ka andruni Rup sae rape hota hai kasae ladkiya pursho ka shoshad karti hai or apni havas ka shikari banati hai or mahila apnae upar kuch bat aati hai to purush par rape ka elgam laga daeti hai or hamari sarkar or media or har chota bada tabka uskae sath ho gata hai bashak vo galat hi kyu na ho es ghatiya soch ka end hona chahiyae or purush ayog ka gathan hona chahiyae
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